क्या गौतम गंभीर ने अपना आखिरी मौका गंवा दिया

Updated: Wed, Feb 11 2015 00:23 IST

5 टेस्ट मैचों में लगातार 5 शतक लगाने वाले इंडिया के पहले और दुनिया के तीसरे टेस्ट क्रिकेटर गौतम गंभीर ने जिस जज्बे के साथ टेस्ट क्रिकेट में ख्याती पाई थी तो उससे लग रहा था कि यह बल्लेबाज इंडिया के लिए लंबी रेस का घोड़ा साबित होगा । 

इंडिया और इंग्लैंड के साथ संपन्न हुए टेस्ट सीरीज में इंडियन बल्लेबाजों का फॉर्म इंडिया के सिलेक्टरों के लिए सिर दर्द बन गया है । जब सिलेक्टरों ने गौतम गंभीर को तीसरे ओपनर की हैसियत से इंग्लैंड का टिकट दिया था तो किसी को अंदाजा भी नहीं हुआ होगा कि आने वाले इंग्लैंड सीरीज में इंडियन ओपनर बल्लेबाजों से लेकर पूरी इंडियन बल्लेबाजी इंग्लैंड के बॉलरों के सामने इस तरह से नसमस्तक हो जाएगी । 

पूरी इंग्लैंड सीरीज में इंडिया की ओपनिंग बल्लेबाजी फ्लॉप रही । पहले तीन टेस्ट में जब इंडिया के ओपनर शिखर धवन कोई करामात नहीं दिखा पाए तो टीम मैनेजमेंट और कप्तान ने गौतम गंभीर को आखिरी के दो टेस्ट खिलाने का फैसला किया । मैनचेस्टर पर इंग्लैंड के साथ चौथे टेस्ट में गंभीर जब मैदान पर बल्लेबाजी करने गए तो दिसंबर 2012 के बाद यह पहला मौका था जब गंभीर कोई टेस्ट मैच खेलने मैदान के बीच में थे। पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि गंभीर के लिए इंडियन टीम में अपनी जगह को फिक्स करने का यह आखिरी मौका है । इंग्लैंड की धारदार बॉलिंग के सामने गंभीर बिल्कुल ही असहज दिखाई पड़े । अपने बल्लेबाजी के दौरान गंभीर ना तो आत्मविश्वास से नजर आए ना ही इंग्लैंड बॉलरों के सामने संघर्ष कर पाए । मैनचेस्टर टेस्ट में गंभीर बाउंस लेती पिच पर बिल्कुल ही घबराए हुए नजर आए । इंग्लैंड सीरीज में पहला मैच खेल रहे गंभीर इंग्लैंड फास्ट बॉलर स्टुअर्ट ब्रॉर्ड की 140.9 kph की रफ्तार से फेंकी गई बॉल पर ढ़ंग से खेल नहीं पाए और गली में कैच दे बैठे थे। मैच में गंभीर ने 7 बॉल पर केवल 4 रन ही बना पाए थे। दूसरी पारी में गंभीर ने कुछ हद तक संघर्ष करने की कोशिश करी थी फिर भी कई बॉल पर वो असहज नजर आए थे। दूसरी इनिंग में गंभीर 53 बॉल खेलकर 18 रन बनाए थे।  अपने 18 रन की पारी में गंभीर बिल्कुल भी असरदार नहीं दिखे थे। 

इंग्लैंड के साथ पांचवें टेस्ट में गंभीर को वापसी करने का एक और मौका मिला । ओवल टेस्ट मैच गंभीर के लिए हताशा लेकर आया । इंडियन इनिंग्स के पहले ओवर में ही गंभीर बिना खाता खोले एंडरसन की तेज उछाल वाली बॉल पर विकेटकीपर के पीछे कैच हो गए थे। गंभीर जिस तरह से पहली पारी में आउट हुए थे उससे उनके मनोबल पर बड़ा झटका लगा होगा । बिना कोई रन बनाकर आउट होना वह भी मह्त्वपूर्ण मैच में गंभीर के आत्मविश्वास को घायल करने जैसा था। कहते हैं क्रिकेट में किस्मत का भी साथ होना जरूरी होता है लेकिन सही मायने में किस्मत गंभीर के खिलाफ थी।  दूसरी इनिंग्स में गंभीर का रन आउट होना इसी बात का सबूत था। गंभीर अपने खाते में केवल 3 रन ही जोड़ पाए थे। 
गौतम गंभीर ने दो टेस्ट मैचों में कुल मिलाकर इंग्लैंड के बॉलरों ने 80 बॉल गंभीर को करी जिसमें गंभीर केवल 76 बॉल खेलते हुए केवल 25 रन बना पाए । 

गंभीर ने जब इंग्लैंड के खिलाफ 2012 में 4 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली थी तो उस सीरीज में गंभीर ने कोई खराब प्रदर्शन नहीं करी थी। गंभीर के उन पारीयों पर एक नजर डालते हैं । 

15 नबंवर 2012 से 17 दिसंबर तक हुए 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में गंभीर ने 6 पारीयों में बल्लेबाजी करते हुए 2 अर्धशतक जड़कर लगभग 251 रन बनाए थे। अपने इस प्रदर्शन के बावजूद गंभीर को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। 
आईपीएल 2014 में गंभीर ने अपने संघर्ष करने की क्षमता का जबरदस्त परिचय दिया था। आईपीएल के शुरूआती मैचों में गंभीर लगातार 3 मैचों में बिना कोई रन बनाए आउट हुए थे । ऐसा लगने लगा था कि गंभीर का क्रिकेट करियर अब अपने आखिरी मुकाम पर है । लेकिन एक बार फिर गंभीर ने अपने- आप को चैलेंज करते हुए आईपीएल 2014 में कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान के रूप में खेलते हुए कुल 16 मैच खेले। जिसमें गंभीर ने 22.33 की बल्लेबाजी औसत के साथ 335 रन बनाएं थे। 

गौतम गंभीर का यही फाइटिंग स्प्रीट इंडियन सिलेक्टर्स को पसंद आया और उनका सैलेक्शन इंग्लैंड जाने वाली इंडियन टीम में कर लिया गया था। लेकिन अफसोस गंभीर ने अपनी बल्लेबाजी से सबको निराश किया । खैर, इंग्लैंड में तो सभी इंडियन बल्लेबाजों को इंग्लैंड को बॉलरों ने पानी पीला दिया पर गंभीर से सभी क्रिकेट प्रेमियों को ज्यादा उम्मीद थी। 

32 साल 310 दिन के हो चुके गंभीर से जब इंग्लैंड दौरे से पहले हुए एक साक्षात्कार में पूछा गया था कि अपने क्रिकेट करियर को इस समय कहां पाते हैं तो गंभीर का जबाव था कि मैं अपने आप को चैलेंज देना पसंद करता हूं और इस वक्त मेरे क्रिकेट करियर में बहुत क्रिकेट बचा हुआ है । मैं संघर्षरत हूं इंडियन टेस्ट टीम और वनडे टीम में जगह पाने के लिए ।

चाहे जो भी हो इंडियन सिलेक्टर्स के जिद के कारण एक और शानदार बल्लेबाज का अस्त समय से पहले होने जा रहा है । अब उम्मीद कम ही है कि गंभीर को इंडियन सिलेक्टर्स आगामी वेस्टइंडीज के साथ होने वाले घरेलू सीरीज में मौका दे । तीसरे ओपनर की हैसियत से भी यदि सिलेक्टर्स की सोच जाती है तो वो किसी युवा खिलाड़ीयों को मौका देने के पक्ष में हो सकते हैं । क्योंकि फर्स्ट क्लास के घरेलू टूर्नामेंट में कई ऐसे युवा खिलाड़ी हैं जिंहोंने रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया है । उनमें से कन्नौर लोकेश राहुल का नाम सबसे आगे आता है जिन्होंने 68.86 की बल्लेबाजी औसत से 1068 रन बनाए हैं तो वहीं एक और घरेलू क्रिकेट खेलने वाले  जीवनजोत सिंह जिन्होंने 47.17 की बल्लेबाजी औसत से 802 रन बनाएं हैं । इन दो युवा बल्लेबाजों के सामने गंभीर घरेलू क्रिकेट में रन बनानें के मामले में काफी पीछे हैं । गौतम गंभीर ने 578 रन बनाएं हैं । गौरतलब है कि गौतम गंभीर ने अब तक 56 टेस्ट मैचों में कुल 4046 रन बनाएं हैं जिसमें 9 शतक और 21 हाफ सेंचुरी बनाएं हैं ।

तो क्या गंभीर का टेस्ट करियर खत्म हो जाएगा ? इसका जबाव तो भविष्य की गर्त में छिपा हुआ है । तब तक इंग्लैंड के साथ टेस्ट सीरीज में शर्मनाक हार के गम से बाहर निकलने की कोशिश हम सभी क्रिकेट प्रेमी  हैं ।

( विशाल भगत )

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