IPL इतिहास के 2 दिग्गज खिलाड़ी जिन्होंने 200 से ज्यादा मैच खेले,लेकिन कभी गेंदबाजी नहीं की
भले ही आईपीएल हो- अगर एक खिलाड़ी प्लेइंग इलेवन में आया है तो उसे अपना हुनर दिखाने का मौका तो दो। आईपीएल में 4 खिलाड़ी ऐसे हैं जो मैच तो खेले पर न बैटिंग की और न गेंदबाजी। चलिए ये बात तो समझ में आती है कि खेल ही ऐसा चला कि उनकी जरूरत ही नहीं पड़ी पर उसके बाद...। ये चार खिलाड़ी :
1. पंकज धरमणि (किंग्स इलेवन पंजाब) : ये मैच 19 अप्रैल 2008 को चेन्नई के विरुद्ध खेला और दोनों टीम ने 200+ का स्कोर बनाया पर हार पंजाब की टीम को मिली।
2. राजेश पवार (मुंबई इंडियंस) : ये मैच 16 मई 2008 को खेला केकेआर के विरुद्ध और जीत मिली पर बड़ा अजीब मैच था- 21 ओवर भी नहीं चला और सिर्फ 135 रन बने। धरमणि और पवार ही ऐसे दो खिलाड़ी हैं जिन्होंने मैच में बैटिंग, गेंदबाजी और फील्डिंग किसी में भी स्कोर कार्ड में अपना नाम दर्ज नहीं कराया।
3. केदार देवधर (डेक्कन चारजर्स) : मैच था 21 मई 2011 को किंग्स इलेवन पंजाब के विरुद्ध और देवधर की टीम को जीत मिली। एक और ख़ास बात- देवधर आईपीएल में ऐसे पहले खिलाड़ी बने जिसने मैच में न तो बैटिंग की और न गेंदबाजी पर कैच लपका।
4. तनमय मिश्रा (डेक्कन चारजर्स) : मैच था 17 अप्रैल 2012 को राजस्थान रॉयल्स के विरुद्ध और टीम को हार मिली। तनमय ने भी कैच लपका। वैसे आपको बता दें कि ये वही खिलाड़ी है जो केन्या के लिए भी इंटरनेशनल क्रिकेट खेला पर उस आईपीएल में उन्हें 'भारतीय' गिना था उनके भारतीय पासपोर्ट की वजह से। एक मजेदार संयोग ये रहा कि जिस मैच में वे चमके, उसमें उन्हीं की टीम के, मिलते-जुलते नाम वाले, अमित मिश्रा प्लेयर ऑफ़ द मैच थे।
ये चारों तो अपनी टीम के एक मैच खेल कर ही रह गए पर मजेदार बात ये है कि कुछ और खिलाड़ी तो ऐसे हैं जो टीम में रहे पर टीम को बैटिंग या गेंदबाजी में उनकी लगातार जरूरत ही नहीं पड़ी। दक्षिण अफ्रीका से आए एलटी एनगिडी ने 2018 से 2021 तक के चेन्नई सुपर किंग्स के लिए अपने करियर में जो 14 आईपीएल मैच खेले उनमें से एक में भी बैटिंग नहीं की। वे आईपीएल में अकेले खिलाड़ी हैं जिसने 10 या इससे ज्याद मैच में कभी बैटिंग का मजा ही नहीं लिया।
पूरी टीम बैटिंग करे- ऐसा होना कोई बड़ी बात नहीं पर कुछ तो कभी गेंदबाजी नहीं करते और इसीलिए लगातार गेंदबाजी न करने के रिकॉर्ड में मैच की गिनती बहुत ज्यादा है। टॉप पर एमएस धोनी हैं- 234 आईपीएल मैच पर कभी गेंदबाजी नहीं की। दूसरे नंबर पर भी इस मामले मैं विकेटकीपर का ही नाम है- दिनेश कार्तिक ने जो 229 मैच खेले हैं, उनमें कभी गेंदबाजी नहीं की।
कुछ खिलाड़ी तो ऐसे हैं कि आईपीएल में डेब्यू के बाद टीम का ऐसा हिस्सा बने कि लगातार खेलते ही रहे। सुरेश रैना ने 2008 से 2016 के बीच लगातार 143 मैच खेले। वे अकेले खिलाड़ी हैं जो इस मामले में 100 मैच की गिनती तक पहुंचे। उनके बाद डेब्यू से लगातार 95 मैच खेलने का रिकॉर्ड यूसुफ पठान के नाम है।
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इस बार का सवाल- एक टीम के लिए, एक मैच में सबसे ज्यादा कितने खब्बू बल्लेबाज खेले हैं? गिनती हैरान करने वाली है। हिंट- रिकॉर्ड बने कोई ज्यादा समय नहीं हुआ।