'कैच ऑफ द सेंचुरी' पकड़ने वाला खिलाड़ी, कपिल देव ने जिसकी तुलना कंप्यूटर से कर दी

Updated: Wed, Jul 03 2024 11:34 IST
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Happy Birthday Richard Hadlee: स्विंग के सुल्तान कहे जाने वाले सर रिचर्ड जॉन हैडली आज 3 जुलाई, 2024 के दिन अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं। हैडली क्रिकेट खेलने वाले अब तक के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक रहे हैं। न्यूजीलैंड में जन्मे हैडली क्रिकेट के इतिहास के सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक हैं, लेकिन इसके साथ ही वो अपने खेल के दिनों में इमरान खान, कपिल देव और इयान बॉथम के साथ शीर्ष चार ऑलराउंडरों में भी शामिल थे। पूरा हैडली परिवार न्यूजीलैंड के लिए सर्वोच्च स्तर पर क्रिकेट खेल चुका है। उनके पिता वाल्टर हैडली देश के पूर्व टेस्ट कप्तान थे जबकि उनके भाई - डेल हैडली और बैरी हैडली - राष्ट्रीय टीम में खेल चुके हैं। हैडली की पूर्व पत्नी करेन मार्श ने भी 1978 के महिला वर्ल्ड कप में न्यूजीलैंड का प्रतिनिधित्व किया था।

हैडली टेस्ट क्रिकेट में 400 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज़ भी हैं। सर रिचर्ड हैडली ने कुल 86 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 431 विकेट और 3124 रन बनाए। वनडे में उन्होंने 115 मैच खेले, जिसमें उन्होंने 158 विकेट लिए और 1751 रन बनाए। हैडली ने नॉटिंघमशायर के लिए 148 प्रथम श्रेणी मैच खेले, जिसमें उन्होंने 14.51 की शानदार औसत से 622 विकेट लिए। इस दौरान उनके हरफनमौला कौशल का भी प्रदर्शन देखने को मिला। उन्होंने 11 शतकों सहित 5854 रन भी बनाए। 6 फीट 1 इंच का ये क्रिकेटर वनडे में 1000 रन बनाने और 100 विकेट लेने वाला पहला क्रिकेटर भी है।

कैच ऑफ द सेंचुरी का किस्सा

रिचर्ड हैडली का ‘कैच ऑफ द सेंचुरी’ वाला किस्सा काफी दिलचस्प है। ये कैच ब्रिस्बेन के मैदान में साल 1985 में मेजबान ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच मुकाबले के दौरान दिखा था। हैडली ने इस टेस्ट मैच की पहली पारी में 9 विकेट झटके थे। एक समय हैडली की धारदार गेंदबाजी के चलते ऑस्ट्रेलिया ने 175 रन के स्कोर पर अपने 8 विकेट गंवा दिए थे। ये 8 के 8 विकेट हैडली ने चटकाए थे और हैडली के पास एक पारी में 10 विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाने का मौका था लेकिन तभी वॉन ब्राउन की गेंद पर हैडली के पास एक मुश्किल कैच आया और हैडली ने निस्वार्थ खेल भावना का परिचय देते हुए ज्योफ लासन का ये कैच पकड़ लिया।

हैडली के इस कैच को पकड़ते ही उनके पारी में 10 विकेट लेने का सपना भी धरा का धरा रह गया और वॉन ब्राउन को अपने टेस्ट करियर का पहला विकेट मिल गया। इस मैच के बाद अंग्रेज पत्रकार फ्रैंक केटिंग ने इस कैच को ‘कैच ऑफ द सेंचुरी’ कहा। इस कैच को इसलिए कैच ऑफ द सेंचुरी नहीं कहा गया कि ये कैच दुनिया का सबसे मुश्किल कैच था बल्कि इस कैच को इसलिए कैच ऑफ द सेंचुरी कहा गया क्योंकि इस कैच को जो खिलाड़ी पकड़ रहा था उसके पास टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में 10 विकेट लेने का मौका था और वो ये बात भलि-भांति जानता था लेकिन इसके बावजूद उसने ये कैच पकड़ने में कोई गलती नहीं की।

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फ्रैंक केटिंग नाम के इस अंग्रेज़ पत्रकार ने हैडली के इस कैच को अमर करने का काम कर दिया। इतना ही नहीं, केटिंग ने इयान बॉथम, जेफ्री बॉयकॉट, ग्राहम गूच के अलावा इंग्लिश क्रिकेट पर कई किताबें भी लिखी हैं जिन्हें दर्शकरों ने काफी सराहा। हैडली को जेंटलमेन ऑफ द गेम भी कहा जाता है और इसके पीछे उनका मैदान के अंदर रवैय्या और खेल को सम्मान देना सबसे बड़ी वजह रही। भारत के वर्ल्ड कप विनिंग कैप्टन कपिल देव ने तो हैडली की गेंदबाज़ी की तुलना कंप्यूटर तक से कर दी। कपिल ने कहा कि वो एक ही जगह पर लगातार गेंदबाज़ी कर सकते थे और कंप्यूटर की ही तरह उनकी गलती की गुंजाइश ना के बराबर थी।

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