टीम इंडिया के दिग्गज अजय जडेजा,जामनगर राज घराने का उत्तराधिकारी बनने के बाद क्रिकेट को लेकर उनके सामने क्या चुनौती है?

Updated: Mon, Nov 11 2024 15:45 IST
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भारतीय क्रिकेट के हाल के सालों के सबसे चर्चित नाम में से एक है अजय जडेजा का। अच्छी या ख़राब- उनके बारे में खबर आती रहीं पर ये तय है कि एक बार मैच फिक्सिंग में नाम आने और बीसीसीआई के उन पर बैन लगाने के बाद वे कभी बीसीसीआई की किसी स्कीम/कमेटी में फिट नहीं किए गए। ये तो मालूम था कि वे जामनगर राज घराने से हैं पर 2024 के साल में दशहरा का दिन उनके लिए एक बड़ी खबर लाया और उन्हें शाही सिंहासन का उत्तराधिकारी नामित किया गया। इस तरह अजय जडेजा, जामनगर (Jamnagar) के अगले जाम साहब (Jam Saheb) होंगे। 

इस खबर का क्रिकेट कनेक्शन सिर्फ अजय जडेजा नहीं हैं। ये राजघराना 19वीं शताब्दी से भारतीय क्रिकेट की चर्चाओं में है और इससे बड़ी बात और क्या होगी कि भारत की दो सबसे बड़ी घरेलू फर्स्ट क्लास क्रिकेट चैंपियनशिप में ट्रॉफी पर इसी राजघराने से जुड़े नाम हैं- रणजी ट्रॉफी और दलीप ट्रॉफी। 

पहले ये रियासत नवानगर (Nawanagar) के नाम से मशहूर थी और बाद में इसे जामनगर का नाम मिला। गुजरात की मिट्टी में क्रिकेट की खुश्बू का बहुत कुछ श्रेय इसी नवानगर को दिया जाता है। इस समय गुजरात से तीन रणजी टीम खेलती हैं- सौराष्ट्र (इस समय चेतेश्वर पुजारा और रवींद्र जडेजा के लिए मशहूर), बड़ौदा (इस समय हार्दिक पांड्या के लिए मशहूर) और खुद गुजरात। 

अब सबसे पहले अजय जडेजा की संक्षेप में बात करते हैं। एक समय भारत के टॉप क्रिकेटर में से एक, ख़ास तौर पर 1992 से 2000 तक और उप-कप्तान भी बने। 15 टेस्ट और 196 वनडे इंटरनेशनल  खेले। मैच फिक्सिंग स्कैंडल में फंसने से क्रिकेट करियर ट्रैक से उतर गया और हालत ये थी कि बीसीसीआई ने 5 साल का बैन लगा दिया। 2003 में, दिल्ली हाई कोर्ट ने ये बैन हटा दिया लेकिन बीसीसीआई ने इसे नहीं 'माना- अजय इसके बाद रणजी खेले, इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं, आईपीएल टीम के मेंटर रहे पर कोई बड़ा कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिला, 2023 वर्ल्ड कप के दौरान अफगानिस्तान टीम  मेंटर के तौर पर उन्हें बड़ी चर्चा मिली।

अजय जडेजा के पिता- दौलतसिंहजी जडेजा (Daulatsinhji Jadeja) तीन बार एमपी रहे। मां- केरल के अलप्पुझा से हैं। अजय जडेजा की पत्नी- राजनीति में एक चर्चित नाम जया जेटली की बेटी अदिति। दो बच्चे हैं- ऐमन और अमीरा। बॉलीवुड में भी काम किया- सनी देओल के साथ खेल (2003), पल पल दिल के साथ (2009) और काई पो चे में एक छोटा रोल। क्रिकेट चर्चा के लिए टीवी में आते हैं पर बीसीसी आई ने उन्हें कभी अपने कमेंटेटर पैनल में नहीं लिया। 

अब आते हैं जामनगर शाही परिवार की क्रिकेट विरासत पर। केएस रणजीतसिंहजी (KS Ranjitsinhji) और केएस दलीपसिंहजी (KS Duleepsinhji) इसी परिवार से हैं- दोनों इंग्लैंड के लिए टेस्ट खेले (रणजी- 15 और दलीप- 12), भारत के लिए नहीं। क्रिकेट इतिहास की किताबों में ये भी लिखा है कि रणजी खुद ब्रिटिश शासन के दौरान इतने 'ब्रिटिश' हो गए थे कि उन्होंने दलीप को भारत के लिए टेस्ट खेलने से रोका। इसीलिए ये सवाल भी उठाया जाता है कि क्यों इन दोनों के नाम पर भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट चैंपियनशिप हैं जबकि ये कभी भारत के लिए खेले ही नहीं? ये सवाल एक अलग स्टोरी है। 1907 से 1933 तक जाम साहब थे रणजीतसिंहजी। 

रणजी के 5 भतीजे अच्छे स्तर का क्रिकेट खेले। इनमें से सिर्फ दलीप टेस्ट खेले। अन्य : प्रद्युम्नसिंहजी, राजकोट के ठाकुर साहब (Pradyumansinhji Thakore Saheb of Rajkot)- 13 फर्स्ट क्लास मैच, के एस दिग्विजयसिंहजी (Digvijaysinhji Ranjitsinhji)-1 फर्स्ट क्लास मैच, केएस हिम्मतसिंहजी (KS Himmatsinhji) -5 फर्स्ट क्लास मैच और एमएस समरसिंहजी(MS Samarsinhji) -8 फर्स्ट क्लास मैच।

आपको याद होगा कि अगस्त 2024 में, अपनी पोलैंड की यात्रा के दौरान, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वारसॉ में नवानगर मेमोरियल के जाम साहब को श्रद्धांजलि अर्पित की- ये मेमोरियल नवानगर के उन पूर्व महाराजा, जाम साहेब दिग्विजयसिंहजी रणजीतसिंहजी (Digvijaysinhji Ranjitsinhji) की याद है जिन्होंने दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान पोलैंड के, कैद से छूटे कई बेसहारा को अपने स्टेट में, अपने खर्चे पर, बसाया था। वे बीसीसीआई के तीसरे चीफ थे और एक फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच खेले । 

इससे अलग, दलीप के परिवार से तो और टेस्ट क्रिकेटर मिले : दलीप के भतीजे हनुमंत सिंह (Hanumant Singh)- 14 टेस्ट, कुमार श्री माधवसिंहजी जाडेजा इंद्रजीतसिंहजी (Kumar Shri Madhavsinhji Jadeja Indrajitsinhji)- 4 टेस्ट, सूर्यवीर सिंह (Suryaveer Singh)- 81फर्स्ट क्लास मैच (ये हनुमंत सिंह के भाई थे) और अंकल कुमार श्री घनश्‍यामसिंहजी दौलतसिंहजी झल्ला लिंबडी (Kumar Shri Ghanshyamshinhji Daulatsinhji Jhalla Limbdi)- 19 फर्स्ट क्लास मैच (उनकी सबसे बड़ी मशहूरी ये है कि 1932 में, पहली बार टेस्ट क्रिकेट खेलने गई भारत की टीम के उप कप्तान थे पर बाद में अपने क्रिकेट स्तर को देखकर खुद ही टेस्ट खेलने से इंकार कर दिया)।  

उनके बाद परंपरा आगे बढ़ी दिग्विजयसिंहजी के बेटे शत्रुसल्यसिंहजी दिग्विजयसिंहजी जडेजा (Shatrusalyasinhji Digvijaysinhji Jadeja) के साथ (कुल 29 फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच- 1061 रन और 36 विकेट) और वे इस समय जाम साहब हैं। उन्होंने नेपाल की एक राजकुमारी से शादी की और उनकी अपनी कोई संतान नहीं है। इसीलिए अपने भतीजे अजय जडेजा को गद्दी का उत्तराधिकारी नामित किया।

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अजय जडेजा के जाम साहब नामित होने के बाद, इसकी बदौलत, उनकी नेट वर्थ में बढ़ोतरी की बड़ी चर्चा हुई पर उस से भी ख़ास ये है कि वे जामनगर की क्रिकेट विरासत को कैसेआगे बढ़ाएंगे? 
 

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