बड़ा अनोखा है जिम लेकर के 10 विकेट के रिकॉर्ड का किस्सा

Updated: Tue, Dec 07 2021 11:58 IST
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एक पारी में, एक गेंदबाज़ का,10 विकेट लेना ऐसा दुर्लभ रिकॉर्ड है कि 144 साल के टेस्ट इतिहास में अब तीसरी बार बना। जिम लेकर और अनिल कुंबले के साथ इस क्लब में शामिल हुए एजाज पटेल। कुंबले और एजाज के लिए जिम लेकर प्रेरणा थे पर लेकर के लिए कौन प्रेरणा थे? लेकर का रिकॉर्ड बड़ा अद्भुत है पर न तो उन दिनों लाइव टेलीकास्ट था और न ही मीडिया आज की तरह से तेज। इसीलिए लेकर के रिकॉर्ड की बहुत सी ऐसी बातें हैं जो कभी चर्चा में ही नहीं आईं। आइए चलते हैं उस अनोखे रिकॉर्ड तक : 

जिम लेकर का रिकॉर्ड रहा 10/53 (51.2 ओवर) विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया- मैनचेस्टर,1956 में। ये सीरीज का चौथा टेस्ट था और पिछले तीन टेस्ट में स्कोर 1-1 था। इंग्लैंड कैंप में खबर थी कि पिच स्पिन लेगी और उनका पूरा भरोसा जिम लेकर की ऑफ-स्पिन पर था। कप्तान पीटर मे ने टॉस जीता और इसका फायदा उठाते हुए इंग्लैंड ने 459 रन बनाए। 

ऑस्ट्रेलिया की पारी- पेसर ब्रायन स्टैथम और ट्रेवर बेली ने मिलकर सिर्फ दस ओवर फेंके। उसके बाद जब जिम लेकर और टोनी लॉक को भी कुछ नहीं मिला तो पीटर मे ने अपने दोनों स्पिनरों के गेंद फेंकने के सिरे बदल दिए। नतीजा- ऑस्ट्रेलिया 84 पर आउट, लेकर का रिकॉर्ड 16.4 ओवर में 9/37 और बचा एक विकेट लॉक ने लिया।

ऑस्ट्रेलिया ने फॉलोऑन किया। दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 53-1 था। अचानक ही मौसम बिगड़ा और तीसरे और चौथे दिन में दो घंटे से भी कम क्रिकेट खेले। पांचवें दिन खेल शुरू होने पर स्कोर 84-2 था- दोनों विकेट लेकर ने लिए थे। सुबह फिर बारिश और खेल देरी से शुरू हुआ पर बरसात ने पिच का मिजाज बिगाड़ दिया था। अब सवाल ये था कि क्या इंग्लैंड को बचे 8 विकेट मिलेंगे या ऑस्ट्रेलिया टेस्ट बचा लेगा? लंच के आसपास धूप निकल आई और दोपहर के सेशन में लेकर ने 9 ओवर में 4/3 की गेंदबाजी की। चाय के बाद शाम 5:27 बजे लेकर ने इतिहास रच दिया- लेन मैडॉक्स का विकेट और टेस्ट क्रिकेट में एक पारी के सभी 10 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बन गए। टेस्ट में उनका रिकॉर्ड- 19/90 जिसके करीब न तो कुंबले पहुंचे और न एजाज। इस मैच को 'लेकर्स मैच' के तौर पर याद रखते हैं। 1956 एशेज में लेकर ने 5 मैचों में कुल 46 विकेट लिए- सिर्फ सिडनी बार्न्स के 1913-14 में 49 विकेट उनसे बेहतर रिकॉर्ड हैं। 

जिम लेकर के 10 विकेट के रिकॉर्ड का किस्सा यहीं ख़त्म नहीं होता। सालों बाद ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज रिची बेनो ने माना कि उस टेस्ट में लेकर की गेंदबाजी देखकर वे इतने प्रभावित हुए कि अपनी गेंदबाजी की स्टाइल को उन जैसा बदल लिया।कमाल देखिए-  टेस्ट के उस आख़िरी दिन पूरे ओल्ड ट्रैफर्ड एरिया में बारिश हुई  लेकिन स्टेडियम सूखा रह गया। किस्मत भी लेकर के साथ थी।   

1956 के उस मैनचेस्टर टेस्ट से पहले का नजारा ध्यान देने वाला है। सीरीज की शुरुआत में इंग्लैंड बैकफुट पर था। नॉटिंघम में ड्रॉ के बाद लॉर्ड्स में मेहमान टीम ने बड़ी जीत दर्ज करते हुए 1-0 की बढ़त बना ली। हेडिंग्ले में इंग्लैंड ने पिच का मिजाज बदलवाया क्योंकि उनकी समझ में आ गया था कि सिर्फ टोनी लॉक और जिम लेकर की सरे स्पिन जोड़ी ही टेस्ट जीत सकती है। दोनों ने वहां मिलकर टेस्ट में कुल 18 विकेट लिए। इसके बाद ही ओल्ड ट्रैफर्ड के चौथे टेस्ट की पिच का मिजाज बदलवाया और उसी पर विवाद हो गया। जब टेस्ट शुरू हुआ तो पिच फोकस में थी। टेस्ट में खेले एक ऑस्ट्रेलियाई लेन मैडॉक्स ने अपनी किताब में लिखा - ब्रैडमैन भी उस पिच पर नहीं टिक पाते। ऑस्ट्रेलिया वाले आज तक ये मानते हैं कि इंग्लैंड ने धोखा किया।   

आज तक उनका 53 रन पर 10 विकेट एक टेस्ट मैच की एक पारी में सबसे बेहतर गेंदबाजी रिकॉर्ड है। हालांकि अनिल कुंबले और एजाज़ पटेल ने भी एक पारी में 10 विकेट लिए लेकिन  कोई भी लेकर के टेस्ट में 90 रन देकर 19 विकेट के रिकॉर्ड के नज़दीक भी नहीं पहुंचा।  

1956 का इंग्लिश क्रिकेट सीजन, लेकर के लिए सरे काउंटी में बेनिफिट सीज़न था- उन्हें 11,086 पाउंड मिले। साल के आखिर में "बीबीसी स्पोर्ट्स पर्सनैलिटी ऑफ द ईयर" चुना गया- ये अवार्ड पाने वाले पहले क्रिकेटर। विजडन 1957 में नेविल कार्डस ने एक ख़ास लेख लिखा लेकर के प्रदर्शन पर। लेकर को मैच बॉल और £50 का इनाम मिला। 

लेकर के इस रिकॉर्ड की चर्चा में इस बात को कोई याद नहीं करता कि वास्तव में उस सीजन में लेकर ने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध एक बार नहीं, दो बार पारी के सभी 10 विकेट का रिकॉर्ड बनाया। पहली बार- ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध सरे के लिए और उसके बाद ओल्ड ट्रेफर्ड टेस्ट में । 1878 में टेड बैराट के बाद पहली बार किसी गेंदबाज ने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध सभी दस विकेट लिए थे।

एक बड़ी मजेदार बात ये है कि वास्तव में लेकर ने इस मैच की सुबह, खेलने से इनकार कर दिया था- पिछली पूरी रात सोए नहीं थे क्योंकि बीमार बेटी (तीन साल की फियोना) की देखभाल कर रहे थे। कप्तान स्टुअर्ट सर्रिज नहीं माने और खेलने पर मजबूर कर दिया। कप्तान ने लगातार 4 घंटे 20 मिनट गेंदबाज़ी कराई- रिकॉर्ड बना और यही रिकॉर्ड ओल्ड ट्रेफर्ड में उनके लिए प्रेरणा था। अगर वे सरे के लिए उस मैच में न खेले होते तो आज क्रिकेट इतिहास में न जाने क्या जिक्र होता?  

किस्मत पूरी तरह से इंग्लैंड के साथ थी- तभी तो लेकर उनके लिए खेल रहे थे। इस अद्भुत रिकॉर्ड से लगभग पांच साल पहले, लेकर ऑकलैंड गए खेलने- जगह इतनी पसंद आई कि वहीं बसने के बारे में सोचने लगे।1951 सीज़न से पहले शादी हुई तो संयोग से तभी ऑकलैंड ने प्लेयर- कोच के तौर पर बुला लिया। वे अपनी पत्नी लिली को भी ले गए- खेलना और साथ में हनीमून। वहां 51-52 सीज़न में चार मैच खेले, 24 विकेट लिए और 1952 में न्यूजीलैंड क्रिकेट ने प्लेयर ऑफ द ईयर चुना। वे पांच महीने वहां रहे और ऑकलैंड इतना पसंद आया कि फिर से वहीं रहने के बारे में सोचने लगे। लिली राजी नहीं हुईं तो लेकर लौट आए। इतिहास जो बनाना था।

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