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ऑस्ट्रेलिया का वो क्रिकेटर जिनका निकनेम 'गांधी' था, AUS के लिए 1 ओवर में बनाए हैं सबसे ज्यादा रन

जिन रिपोर्ट और किताबों में क्रिकेटरों के निकनेम का जिक्र है, उनमें एक निकनेम का जिक्र कहीं नहीं मिलेगा। विश्वास कीजिए- लंबे, पतले और गठीले शरीर की बदौलत, एक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर को 1964-65 के भारत टूर के दौरान...

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ऑस्ट्रेलिया का वो क्रिकेटर जिनका निकनेम 'गांधी' था, AUS के लिए 1 ओवर में बनाए हैं सबसे ज्यादा रन
ऑस्ट्रेलिया का वो क्रिकेटर जिनका निकनेम 'गांधी' था, AUS के लिए 1 ओवर में बनाए हैं सबसे ज्यादा रन (Image Source: Twitter)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Dec 12, 2024 • 07:23 AM

जिन रिपोर्ट और किताबों में क्रिकेटरों के निकनेम का जिक्र है, उनमें एक निकनेम का जिक्र कहीं नहीं मिलेगा। विश्वास कीजिए- लंबे, पतले और गठीले शरीर की बदौलत, एक ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर को 1964-65 के भारत टूर के दौरान 'गांधी' निकनेम मिला था। बाद में ऐसा लगा कि कहीं ऐसा न हो कि इस निकनेम से कोई नया विवाद शुरू हो जाए तो उस डर से, इसे भूल गए। उस दौर की अख़बारों में इस बारे में लिखा हुआ है। ये निकनेम किसने दिया- ये तो मालूम नहीं पर गलत नहीं था। न सिर्फ शरीर में उन जैसे थे, सारी जिंदगी बिना किसी विवाद बिता दी- सही मायने में जेंटलमैन क्रिकेटर और बैटिंग में किताबी स्टाइल में परफेक्ट। फ्रैंक टायसन (Frank Tyson) ने उन्हें 'क्रिकेट का सबसे पतला आदमी (the most substantial thin man in cricket)' कहा था। 

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
December 12, 2024 • 07:23 AM

ये परिचय है ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर, 'रेडर्स' के नाम से मशहूर इयान रेडपाथ का। जब 1969 में बिल लॉरी की टीम भारत टूर पर थी तो वे अपने कप्तान के लिए 'मैं हूं न!' थे- टीम को संकट से निकालने में परफेक्ट। रेडियो कमेंट्री के उस दौर में जिनका क्रिकेट में रुझान शुरू हुआ, उनके कानों में लॉरी, सिम्पसन, इयान चैपल, रेडपाथ, शेहान, मेलट, ग्लीसन और वाल्टर्स जैसे ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर के नाम हमेशा रहे। इन रेडपाथ का देहांत हो गया है। 

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उम्र 83 साल। दाएं हाथ के बल्लेबाज- 1964 से 1976 तक 66 टेस्ट में 43.45 औसत से 4737 रन बनाए (जनवरी 1964 में मेलबर्न में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध टेस्ट डेब्यू) 8 शतक और 31 फिफ्टी के साथ। 83 कैच पकड़े- ज्यादातर स्लिप में। 5 वनडे भी खेले (9.20 औसत से 46 रन) पर वे टेस्ट क्रिकेटर ही थे। टेस्ट डेब्यू पर कप्तान बॉबी सिंपसन ने टॉस से सिर्फ 10 मिनट पहले बताया था कि टेस्ट खेल रहे हैं- इसलिए कोई ख़ास तैयारी नहीं थी और तब भी 97 रन बनाए- साथी विक्टोरियन बिल लॉरी के साथ 219 की ओपनिंग पार्टनरशिप में। टेस्ट 100 का ये मौका हाथ से निकला तो अगला लगभग 5 साल बाद ही मिला- एससीजी में वेस्टइंडीज के विरुद्ध (132) 1969 में।

1974-75 में इंग्लैंड के विरुद्ध इयान चैपल की टीम और 1975-76 में वेस्टइंडीज के विरुद्ध ग्रेग चैपल की टीम में उप-कप्तान थे। टेस्ट करियर के दूसरे हाफ़ में ज्यादा बेहतर खेले- अपने आख़िरी 15 टेस्ट में 5 और 1975-76 में आख़िरी सीरीज़ में 4 टेस्ट में 3 शतक बनाए जिनमें आख़िरी टेस्ट में 100 का रिकॉर्ड भी था। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में- विक्टोरिया के लिए 226 मैच में 32 शतक और 84 फिफ्टी के साथ 41.99 औसत से 14993 रन। 

* 1975 में, ब्रिटिश राजघराने से एमबीई (MBE) का सम्मान मिला। 
* कार्दिनिया पार्क ग्राउंड में स्कोरबोर्ड को 'इयान रेडपाथ स्कोरबोर्ड' का नाम मिला है। 
* 2023 में ऑस्ट्रेलियन हॉल ऑफ फेम में शामिल। 

उनका एक और परिचय भी है। गजब के लकड़ी के काम के डिजाइनर थे। अच्छा काम हो तो खुद जाते थे दूसरों के घर में काम करने और इसीलिए जब क्रिकेट खेलना छोड़ा तो भले ही विक्टोरिया के कोच बने पर पहचान एक एंटीक डीलर के तौर पर ही मिली। जिलोंग में शैनन एवेन्यू पर उनकी दुकान थी। अपनी ऑटोबायोग्राफी लिखी 'ऑलवेज़ रेड्डी (Always Reddy)' के टाइटल से पर वास्तव में ये एक मछली पकड़ने की आर्ट की किताब है जिसमें बीच-बीच में क्रिकेट का भी जिक्र है। उनके बड़े अनोखे परिचय और भी हैं :

1. बिना फीस लिए टेस्ट खेलने वाले आखिरी ऑस्ट्रेलियाई थे। फीस नहीं ली ताकि एम्यूचर बने रहें और इससे शौकिया फुटबॉल खेल सकें। 1964 के एशेज टूर की फीस ले ली और जब पूछा गया कि मन कैसे बदल गया तो जवाब था- फीस न लेता तो भूखा मर जाता। 
2. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में, एक ओवर में सबसे ज्यादा रन बनाने का ऑस्ट्रेलिया रिकॉर्ड उनके नाम था। 
3. रेडपाथ का आख़िरी 100 उनके आख़िरी टेस्ट में था और आउट किया लांस गिब्स ने और ये उनका रिकॉर्ड बनाने वाला 308वां विकेट था। आउट होते ही सबसे पहले गेंदबाज के पास गए और हाथ मिलाया। बाद में, उस महान वेस्टइंडीज गेंदबाज के साथ, उनके रिकॉर्ड और अपने रिटायर होने का ड्रिंक के साथ जश्न मनाया। 
4. 1961-62 से 1975-76 तक के फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर में सिर्फ तीन 6 लगाए। टेस्ट क्रिकेट में दो, दोनों एक ही दिन में, एडिलेड में वेस्टइंडीज के विरुद्ध 100 बनाते हुए। ये उनके 66 में से 65वां टेस्ट था। तीसरा विक्टोरिया-पाकिस्तान मैच में इंतखाब आलम की गेंद पर।    
5. अकेले ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर जिसने एक टेस्ट पारी को शुरू कर आखिर तक आउट न होने का रिकॉर्ड बनाया और बाद में उन्हें गेंद थ्रो करने के लिए नो-बॉल दिया गया। 

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- चरनपाल सिंह सोबती

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