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India vs Pakistan Asia Cup Flashback: जब भारत ने 42.1 ओवर में बनाए 300 रन, सहवाग-रैना बने थे जीत के हीरो

India vs Pakistan Asia Cup: वैसे तो एशिया कप के दौरान कई बेहतरीन पारी खेली हैं बल्लेबाजों ने पर जब कुछ टॉप चुनने की बात आए तो जानकार वीरेंद्र सहवाग के शानदार 119 को जरूर चुनते हैं। ये एशिया कप

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India vs Pakistan Asia Cup Flashback: जब भारत ने 42.1 ओवर में बनाए 300 रन, सहवाग-रैना बने थे पाकिस्त
India vs Pakistan Asia Cup Flashback: जब भारत ने 42.1 ओवर में बनाए 300 रन, सहवाग-रैना बने थे पाकिस्त (Image Source: Google)
Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
Aug 24, 2022 • 01:13 PM

India vs Pakistan Asia Cup: वैसे तो एशिया कप के दौरान कई बेहतरीन पारी खेली हैं बल्लेबाजों ने पर जब कुछ टॉप चुनने की बात आए तो जानकार वीरेंद्र सहवाग के शानदार 119 को जरूर चुनते हैं। ये एशिया कप 2008 की बात है। तब 50 ओवर वाले मैच खेलते थे इसमें। उसी मैच में हालांकि शोएब मलिक ने भी 125* बनाए पर वे चर्चा में पीछे रह गए- साथ में मैच भी भारत ने जीता।

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti
August 24, 2022 • 01:13 PM

पाकिस्तान के गेंदबाजी आक्रमण को, कह सकते हैं कि, पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया था। सहवाग उस दिन प्राइम टच में थे। 

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पाकिस्तान के विरुद्ध ,भारत के मैच हमेशा हॉट-सेलर होते हैं और उस दिन भी दर्शक एक जोरदार मुकाबले की उम्मीद में स्टेडियम आए थे और उन्हें दो शतक देखने को मिले  । 

सबसे पहले मैच के बारे में संक्षेप में। 26 जून  2008 का दिन- कराची का नेशनल स्टेडियम और ग्रुप मैच। पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और 50 ओवर में 299-4 का बड़ा स्कोर बना दिया। कप्तान शोएब मलिक ने रिटायर् हर्ट होने से पहले 125 और यूनिस खान ने 59 रन बनाए। इस तरह भारत को जीत के लिए बनाने थे 300 रन जो 42.1 वें ओवर में ही बना दिए। वीरेंद्र सहवाग के 119 और सुरेश रैना के 84 के साथ युवराज सिंह के 48 रन को गिनना भी जरूरी है। रैना को मैन ऑफ द मैच चुना गया। 

सहवाग ने कई उम्दा स्ट्रोक खेले और हमेशा की तरह जोखिम भी उठाया इन्हें खेलने के लिए। सुरेश रैना के साथ जो पार्टनरशिप की, उसने मैच भारत के लिए सील कर दिया। सहवाग सिर्फ 95 गेंदों में 119 रन जबकि रैना ने 69 गेंदों में 84 रन बनाए और पाकिस्तान के गेंदबाजों की उन्हें रोकने की हर कोशिश नाकाम रही। सहवाग के 119 रन में 17 चौके और 5  छक्के थे। इसी कोशिश से, भारत ने जब मैच जीता तो  सिर्फ 4 विकेट गिरे थे। इसी से अंदाजा हो जाता है कि ये कितनी प्रभावशाली जीत थी। सहवाग के 119 रनों को लंबे समय तक याद रखा जाएगा।

दूसरे विकेट के लिए 198 रन  की पार्टनरशिप के दौरान 8 से भी बेहतर रन  रेट दर्ज किया- तभी तो उस तूफानी स्टैंड का असर ये था कि भारत ने अपने लक्ष्य को 6 विकेट और 47 गेंद के रहते हासिल कर लिया। ये उस समय, 300 के लक्ष्य का सामना करते हुए, भारत का सबसे तेज रन-चेज था ।

किस्मत भी शायद पाकिस्तान के साथ नहीं थी। उमर गुल की पसली-मांसपेशियों में खिंचाव आ गया- वे सिर्फ 1.2 ओवर की गेंदबाजी कर ग्राउंड से बाहर चले गए। शोएब मलिक की ऑफ स्पिन भी नहीं मिली- शतक बनाने के आखिर में ऐंठन के बाद वे ग्राउंड में ही नहीं आए। इसने उनकी जगह कप्तानी कर रहे, मिस्बाह-उल-हक के पास सिर्फ तीन फ्रंट लाइन गेंदबाज बचे- सोहेल तनवीर, राव इफ्तिखार अंजुम और शाहिद अफरीदी। उधर धोनी का रैना को आउट-ऑफ-टच रोहित शर्मा के बजाय नंबर 3 भेजने का प्रयोग बिलकुल सही रहा।

जब तक मलिक ग्राउंड पर आए, भारत ने 14 ओवर में 100 रन बना लिए थे। उस पर मलिक, को ग्राउंड में आने  के 71 मिनट बाद तक गेंदबाजी करने की इजाजत  नहीं दी गई। मजबूरी में सलमान बट को गेंद दी पर ये प्रयोग भी कोई कामयाब नहीं रहा। सहवाग ने सिर्फ 80 गेंदों में अपना शतक पूरा किया। रैना के आउट होने पर भारत को 23 ओवर में 90 रन चाहिए थे और जीत ज्यादा दूर नहीं थी।

इस जीत से  भारत को अगले राउंड में जाने के लिए दो कीमती पॉइंट मिले। भारत ने जिस आसानी से जीत हासिल की, वह पाकिस्तान के लिए झटका थी।  
 

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