Advertisement
Advertisement
Advertisement

सलाम सचिन तेंदुलकर

सचिन रमेश तेंदुलकर क्रिकेट की दुनिया का वो सितारा जो 24 साल तक अपने शानदार क्रिकेट से करोड़ो भारतीयों की अपेक्षाओं पर खरा उतरा। इस खिलाड़ी ने क्रिकेट में जो उपलब्धियां हासिल की शायद ही अब वो कोई कर पाएगा।

Advertisement
()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Feb 10, 2015 • 10:45 PM

सचिन रमेश तेंदुलकर क्रिकेट की दुनिया का वो सितारा जो 24 साल तक अपने शानदार क्रिकेट से करोड़ो भारतीयों की अपेक्षाओं पर खरा उतरा। इस खिलाड़ी ने क्रिकेट में जो उपलब्धियां हासिल की शायद ही अब वो कोई कर पाएगा। सचिन का जन्म 24 अप्रैल 1973 मुंबई में मराठी उपन्यासकार रमेश तेंदुलकर के यहां हुआ था। उन्होंने अपने फेवरेट म्यूजिक डायरेक्टर सचिन देव बर्मन के नाम पर अपने बेटे के नाम सचिन रखा था।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
February 10, 2015 • 10:45 PM

16 साल की उम्र में अपने इंटरनेशनल करियर की शुरूआत करने वाले सचिन तेंदुलकर ने 24 सालों तक क्रिकेट खेला। इन 24 सालों में उन्होंने कई रिकॉर्ड तोड़े और आने वाले किक्रेटरों के लिए कई रिकॉर्ड भी बनाए। उन्होंने क्रिकेट के मैदान से ससंद तक का सफर भी तय किया। वह पहले ऐसे क्रिकेटर थे जो क्रिकेट खेलते हुए संसद तक पहुंचे। लेकिन क्रिकेट के प्रति सचिन के प्यार ने उन्हें क्रिकेट के मैदान में ही ज्यादा एक्टिव रखा। सचिन ने अपना 200वां टेस्ट मैच खेलने के बाद 16 नवंबर 2013 इंटरनेशनल क्रिकेट से सन्यास ले लिया था। कुछ समय पहले उन्हें भारत रत्न से नवाजा गया। वह भारत रत्न पाने वाले पहले खिलाड़ी और सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे ।  

Trending

सचिन ने अपने इंटरनेशनल क्रिकेट की शुरूआत 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ पाकिस्तान के करांची में की थी।.इस मैच में सचिन ने केवल 15 रन की पारी खेली थी और वकर यूनुस ने उन्हें आउट किया था। वकार युनुस का भी यह पहला टेस्ट मैच था। तब किसी ने नहीं सोचा होगा कि 5 फुट 5 इंच का ये लड़का आने वाले 24 सालों में क्रिकेट के मैदान पर इतनी मिसालें कायम कर देगा। इसी दौरे के दौरान स्यालकोट में खेले गए आख़िरी टेस्ट मैच में सचिन एक बाउंसर खेलने के चक्कर में चोटिल हो गए थे । जिसके बाद उनकी नाक से खून निकलने लगा था लेकिन सचिन ने बिना कोई मेडिकल हेल्प लिए अपना खेल जारी रखा। इस घटना से क्रिकेट के प्रति सचिन के समर्पण का पता चलता है। सचिन ने एक प्रैक्टिस मैच में पाकिस्तान अब्दुल क़ादिर की जमकर धुनाई की थी औऱ केवल 18 गेंदों पर 53 रन बना डाले थे। उन्होंने कादिर के एक ओवर में 28 रन जड़े थे। टेस्ट क्रिकेट में सचिन ने अपना पहला शतक इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 1990 में ओल्ड ट्रैफ़र्ड में बनाया था। 

सचिन स्कूली दिनों में एक फास्ट बॉलर बनना चाहते थे। अपने इस सपने को लेकर वह 1987 में स्कूली दिनों के दौरान वह तेज गेंदबाजी के गुण सिखने के लिए वह एमआरएफ़ पेस फ़ाउंडेशन गए थे लेकिन ऑस्ट्रेलिया के महान गेंदबाज़ डेनिस लिली उनकी बॉलिंग से खुश नहीं हुए थे और उन्होंने सचिन को बल्लेबाजी की तरफ ध्यान देने को कहा था। 
1988 में सचिन तेंदुलकर ने स्कूली सीजन में शानदार परफॉर्मेंस किया था और इस सीजन के दौरान हर पारी में सचिन ने सेंचुरी मारी थी। इसी साल सचिन ने लॉर्ड हैरिस शील्ड इंटर स्कूल मैच में विनोद कांबली के साथ मिलकर 664 रनों की नॉटआउट पार्टनरशिप की थी जो सालों तक एक रिकॉर्ड रहा।

1987 वर्ल्ड कप में इंडिया और जिम्बाब्वे के मैच के दौरान सचिन एक बॉल ब्वॉय थे। इसी मैच में महान क्रिकेटर सुनील गावसकर ने अपने पैड सचिन को दिए थे। सचिन ने अपने पहले टेस्ट में भी गावसकर के दिए हुए पैड पहने थे। 

11 दिसंबर 1988 को 15 साल 232 दिन की उम्र में सचिन ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया था। गुजरात के खिलाफ खेले गए इस मैच में सचिन ने नाबाद 100 रन की पारी खेली थी। जिसके बाद सचिन फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सेंचुरी मारने वाले सबसे युवा क्रिकेटर बन गए थे। सचिन ने देवधर ट्रॉफ़ी और दलीप ट्रॉफ़ी के पहले मैच में भी सचिन ने सेंचुरी मारी थी। जो एक रिकॉर्ड था।  सचिन ने .इरानी ट्रॉफ़ी फ़ाइनल में भी उन्होंने सेंचुरी मारी थी। उन्होंने उस सीजन में मुंबई की तरफ से सबसे ज्या रन बनाए थे। 

समय के साथ साथ सचिन का खेल और निखरता और 1991-92 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर सचिन सिडनी में नाबाद 148 रन की पारी खेली और उसके बाद उन्होंने पर्थ में भी सेचुरी बनाई। 

वन डे क्रिकेट में अपना पहली सेंचुरी मारने के लिए सचिन को 5 साल इंतजार करना पड़ा था। सचिन ने कोलंबो में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वन डे क्रिकेट की पहली सेंचुरी मारी थी। 1994 से पहले सचिन वन डे टीम में मिडल ऑर्डर के बल्लेबाज थे लेकिन 1994 में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ मैच में उन्हें ओपनिंग की जिम्मेदारी दी गई थी। इस मैच में सचिन ने 49 गेंदों में 84 रन की शानदार पारी खेली थी और दिखा दिया था कि वो क्या कर सकते हैं।

1996 में सचिन को टीम की कप्तान बनाया गया लेकिन वह कप्तान के रूप में सफल साबित नहीं हुए। 

सचिन अकेले ऐसे क्रिकेटर थे जिन्होंने 6 वर्ल्ड कप खेले थे। 1996 के वर्ल्ड कप में भले ही इंडिया सेमीफाइनल में हारकर बाहर हो गया था लेकिन सचिन तेंदुलकर इस वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। सचिन का सपना था कि वह वर्ल्ड कप जीतें और 2011 में उनका यह सपना पूरा हुआ जब टीम इंडिया श्रीलंका को हराकर वर्ल्ड चैंपियन बनी थी।  

सचिन के अवॉर्ड्स
2014 में भारत रत्न
2008 में पद्म विभूषण
2005 में राजीव गांधी पुरस्कार खेल रत्‍‌न
1999 में पद्मश्री पुरस्कार
1994 में अर्जुन अवॉर्ड
2010 में आइसीसी से सर गैरीफील्ड सोबर्स ट्रॉफी
1997 में विजडन प्लेयर ऑफ द ईयर
2001 में महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड
2003 के व‌र्ल्ड कप के प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट


Saurabh Sharma

Advertisement

TAGS
Advertisement